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Sharabi Shayari In Hindi |

Sharabi Shayari In Hindi
रख ले 2-4 बोतल कफ़न में साथ बैठ कर पिया करेंगे, जब माँगे गा हिसाब गुनाहों का एक पेग उसे भी दे दिया करेंगे! ❤❤❤❤
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी, उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है! ❤❤❤❤
पीने से कर चूका था में तौबा मगर, बादल का रंग देख के नियत बदल गई! ❤❤❤❤
फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे, मयख़ाने से कह दो दरवाज़ा खुला रखे! ❤❤❤❤
जाम तो यू ही बदनाम है यारों कभी इश्क करके देखो या तो पीना भूल जाओगे या फिर पी पी के जीना भूल जाओगे ❤❤❤❤
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी, कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी! ❤❤❤❤
मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती! मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती! सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता, फिर भी पी लेता अगर वो शराब होती! ❤❤❤❤
देखूँगा कभी ऐ शऱाब, तुझे अपने लबों से लगाकर, तू मुझमे बसेगी, कि मैं तुझमें बसूँगा। ❤❤❤❤
मदहोश कर देता है तेरे ये देखने का अंदाज़ और लोग सोचते हैं कि हम पीते बहुत है ❤❤❤❤
मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती! मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती! सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता, फिर भी पी लेता अगर वो शराब होती! ❤❤❤❤
दिल के दर्द से बड़ा कोई दर्द नहीं होता, आशिकों का शराब के सिवा कोई हमदर्द नहीं होता, जब दिल टूटता है तो आँसू उनके भी निकलते हैं, जो कहते हैं कि “मर्द को दर्द नहीं होता..” ❤❤❤❤
यादों से सलाम लेता हूँ, वक्त के हाथ थाम लेता हूँ, ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए, जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ… ❤❤❤❤
दूसरों के लिए ख़राब ही सही, हमारे लिए तो ज़िन्दगी बन जाती है, सौ ग़मों को निचोड़ने के बाद ही, एक कतरा शराब बन जाती है… ❤❤❤❤
रात गुम सी है मगर चैन खामोश नही, कैसे कह दूँ आज फिर होश नही, ऐसा डूबा तेरी आँखों की गहराई में , हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही ❤❤❤❤
शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है; पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है ❤❤❤❤
पी के रात को हम उनको भुलाने लगे; शराब मे ग़म को मिलाने लगे; ये शराब भी बेवफा निकली यारो; नशे मे तो वो और भी याद आने लगे। ❤❤❤❤
तुम सिर्फ मेरी ख़ुशी में मेरा साथ देती हो बस एक यही शराब है जो… कभी साथ नहीं छोडती ❤❤❤❤
मेरी आज की शाम सिर्फ उस… बेवफा के नाम ❤❤❤❤
दिल के दर्द से बड़ा कोई दर्द नहीं होता, आशिकों का शराब के सिवा कोई हमदर्द नहीं होता, जब दिल टूटता है तो आँसू उनके भी निकलते हैं, जो कहते हैं कि “मर्द को दर्द नहीं होता..” ❤❤❤❤
सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी, अब किधर मिलोगे, पागलखाने या मैखाने……!!! ❤❤❤❤
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी, डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए…….!!! ❤❤❤❤
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है! खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है! फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों! यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है! ❤❤❤❤
शराब शरीर को खत्म करती है शराब समाज को ख़तम करती है आओ आज इस शराब को खत्म करते हैं एक बॉटल तुम खत्म करो एक बॉटल हम खत्म करते है ❤❤❤❤
कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ ❤❤❤❤
परदा तो होश वालों से किया जाता है हुज़ूर, तुम बेनक़ाब चले आओ हम तो नशे में हैं ❤❤❤❤
सोचा था कुछ और, लेकिन हुआ कुछ और इसीलिए ये भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर ❤❤❤❤
कहते हैं पीने वाले मर जाते हैं जवानी में हमने तो बुजुर्गों को जवान होते देखा है मैखाने में ❤❤❤❤
पीता था शराब मैं, उसने दी छुड़ा अपनी कसम देकर, जब गया महफ़िल में मैं, तो दोस्तों ने पीला दी उसी की कसम देकर !!! ❤❤❤❤
पी चुके हैं शराब हम हर गली हर दूकान से, एक रिश्ता सा बन गया है शराब के ज़ाम से, पाये हैं ज़ख्म हमने इश्क़ में ऐसे, कि नफ़रत सी हो गयी है हमें इश्क़ के नाम से !! ❤❤❤❤
मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है, कि अब उसको प्यार से भी मेसेज करो, तो वो पूछती है कितनी पी है…!!! ❤❤❤❤
या खुदा ‘दिल’ तो तुडवा दिया तूने इश्क के चक्कर में, कम से कम ‘लीवर’ तो संभालना दारु पीने के लिए ❤❤❤❤
‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में, जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से………!!! ❤❤❤❤
मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना ❤❤❤❤
मोहब्बत से गुजरा हूँ अब मयख़ाने में जाना है दोनों का असर एक ही है बस होश ही तो गंवाना है ❤❤❤❤
रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है… ❤❤❤❤
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे, शराब में गम को मिलाने लगे, दारू भी बेवफा निकली यारों, नशे में तो वो और भी याद आने लगे… ❤❤❤❤
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं, कैसे कहूँ आज फिर होश नहीं, इस तरह डूबा हूँ तेरी मोहब्बत की गहराई में, हाथ में जाम है और पीने का होश नहीं.. ❤❤❤❤
