पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा

पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा

“पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा” इस सवाल का जवाब आज हम इस लेख के माध्यम से बताने वालें है। यदि आप भी जानना चाहते है कि पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा तो इस लेख के को अंत तक पढ़ने के बाद आपके सवाल का जवाब आपको मिल जाएगा।

कहा जाता है कि जब बुरा समय आता है तो अपने भी उस समय पराए जैसे हो जाते हैं। हमारे दशकों पुराने मित्र भी हमसे मुंह फेरने लगते हैं कि कहीं पैसा ना उधार मांग ले। ऐसे समय में बहुत से लोग पर्सनल लोन की तरफ बड़ी आशा के साथ देखते हैं। जिससे उनके इस बुरे समय में भी मानो उन्हें डूबते को जैसे तिनके का सहारा मिल गया हो।

लेकिन बहुत से लोग तंगहाली में ही अपना जीवन बीता देते हैं। क्‍योंकि उनके मन में हमेशा इस बात का डर लगा रहता है कि यदि हम पर्सनल लोन ना चुका पाए तो हमें कई सालों की जेल और जुर्माना हो जाएगा।

लेकिन वास्‍तव में ये बात पूरी तरह से सच नहीं होती है। बैंक के नियम कायदे भी हमारी सहूलियत के लिए ही बने होते हैं। बस हमारी नीयत साफ होनी चाहिए। इसलिए यदि आप जानना चाहते हैं कि पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा? तो हमारी इस पोस्‍ट को अंत तक पढि़ए। अपनी पोस्‍ट में हम आपको बताएंगे कि यदि आप किसी भी बैंक का पर्सनल लोन नहीं चुकाते हैं तो आप पर बैंक की तरफ से क्‍या कार्यवाही की जाती है।

 

पर्सनल लोन क्‍या होता है?

 

पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा यह जानने से पहले आइए हम आपको बता दें कि पर्सनल लोन होता क्‍या है। ताकि आपको आगे समझने में आसानी रहे कि किस तरह के पर्सनल को ना चुका पाने पर बैंक की तरफ से क्‍या कार्यवाही की जाती है।

पर्सनल लोन एक तरह से आपके घर की तमाम जरूरतों के लिए दिया जाता है। जिसकी खास बात ये होती है कि आप इसका प्रयोग कहीं भी कर सकते हैं। इसमें बैंक कभी भी आपसे लोन देते समय ये नहीं पूछता है कि आप लोन किस काम के लिए ले रहे हैं। बस आपको लोन के लिए आवेदन करना होता है। यह दो प्रकार का होता है।

 

असुरक्षित पर्सनल लोन क्या है?

 

यह पर्सनल लोन का पहला प्रकार होता है। जिसमें आपको कभी भी ज्‍यादा बड़ी मात्रा में बैंक की तरफ से लोन नहीं दिया जाता है। क्‍योंकि इसके अंदर बैंक लोन के बदले आपसे किसी चीज की गांरटी नहीं ली जाती है।

इसके अंदर आपका सिबिल स्‍कोर और आपकी सैलरी और आपके पुराने रिकार्ड को देखकर ही बैंक पर्सनल लोन पास कर देता है। लेकिन इस लोन की ब्‍याज दरें हमेशा सबसे ज्‍यादा रहती हैं। साथ ही आपकी जांच पड़ताल भी अच्‍छे से की जाती है। इसके साथ ही इस तरह का लोन आपको कभी भी लंबी अवधि के लिए नहीं दिया जाता है।

 

सु‍रक्षित पर्सनल लोन

 

इस तरह के लोन के अंतर्गत आपको जितना भी लोन चाहिए। उसके बदले आपको बैंक को किसी चीज की गांरटी देनी होगी। यानि कि आपके पास कोई खेत हो, प्लाट हो, घर हो या बैंक में किसी तरह की FD हो तो आपको दिए लोन के बदले बैंक उसे गिरवी रख लेता है।

इस तरह के लोन की खास बात ये रहती है कि इसके अंदर बैंक आपको बहुत बड़ी राशि लोन के रूप में दे देता है। साथ ही ब्‍याज दर भी कम रखता है। लेकिन यदि आप इस लोन को तय सीमा के बाद भी नहीं चुका पाते हैं तो आपने जिस चीज को बैंक में गिरवी रखा है उसे बैंक जब्‍त कर लेता है। जिससे बैंक को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।

इसमें लोन ना चुकाने पर पूरी तरह से नुकसान लोन लेने वाले को उठाना पड़ता है। साथ ही कई बार जेल तक की हवा खानी पड़ जाती है।

 

पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा, कर्ज न चुकाने की सजा

 

जैसा कि आपने जाना कि पर्सनल लोन भी दो प्रकार के होते हैं। अब आइए हम आपको बताते हैं कि यदि आप पर्सनल लोन नहीं चुका पाते हैं, तो बैंक आपके ऊपर इसके खिलाफ क्‍या कार्यवाही करेगा, यानि पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा? साथ ही वो कब करेगा और आपको कब छूट देगा।

 

असुरक्षित पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा

 

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि असुरक्षित पर्सनल लोन में आपको बैंक को कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता है। इसके अंदर यदि आप लोन नहीं चुकाते हैं, तो सबसे ज्‍यादा नुकसान बैंक का ही होता है।

यदि हम कार्यवाही की बात करें तो जब आप बैंक से लोन लेंगे तो आपको उसे चुकाने के लिए एक निश्चित समय दिया जाता है। लेकिन यदि आप इस समय के बाद भी ना तो लोन चुकाते हैं, ना ही बैंक को किसी तरह का जवाब देते हैं। तो बैंक की तरफ से आपके पास फोन या डाक के जरिए एक चिठ्ठी भेजी जाएगी। जिसमें आपसे कहा जाएगा कि आप इस लोन को जल्‍दी से जल्‍दी चुका दें।

यह एक तरह से आपको सख्‍त लहजे में बैंक की चेतावनी होगी। लेकिन इसके बाद भी यदि आप पर्सनल लोन नहीं चुकाते हैं तो बैंक आपको डिफॉल्‍टर की सूची में डाल देगा। साधारण भाषा में अब आप इस लोन के लेकर भागना चाहते हैं।

इसके बाद बैंक समझ जाएगा कि आप लोन नहीं चुकाना चाहते हैं और अब आपके ऊपर सख्‍ती करनी होगी। इसलिए अब आपकी सारी जानकारी बैंक कर्ज वसूली एजेंसी को दे देगा। दरअसल, ये एक तरह की एजेंसी होती हैं। जिनका काम होता है बैंकों के डूबे हुए पैसे को निकलवाना। ये एजेंसी बैंक का जितना पैसा निकलवा देती हैं। बाद में उसका लगभग आधा पैसा खुद रख लेती हैं और आधा बैंक को दे देती हैं। जिससे दोनों का फायदा हो जाता है।

अब जैसे ही इस एजेंसी के पास आपकी जानकारी पहुंच जाएगी तो वहां से आपके पास फोन आने लगेंगे। कभी आपसे पुलिस अधिकारी कहकर बात की जाएगी, कभी हाई कोर्ट का वकील बनकर। कई बार ज्‍यादा लोन होने पर ये एजेंसी आपके घर पर अपना एजेंट भी भेज देती हैं। जो कि आपके अंदर डर बैठाने के लिए भेजा जाता है।

साथ ही लोगों को डराने के लिए लीगल नोटिस भी ये एजेंसी भेजती है। ताक‍ि आप डर जाएं और तुरंत लोन चुका दें। इनकी खास बात ये है कि ये आपको कई साल तक इसी तरह से डराती रहती हैं। ताकि आप परेशान होकर बैंक का लोन चुका दें।

लेकिन यदि आप इतना सब होने के बाद भी लोन नहीं चुकाते हैं तो एक तरह से बैंक का अंत में नुकसान हो जाता है। अब इससे आपका सिविल स्‍कोर खराब हो जाएगा। जिससे आपको आगे लोन नहीं मिलेगा। हालांकि आप बैंक में खाता खुलवा कर उसमें लेन देन आसानी से कर सकते हैं। आप ऑनलाइन बैंक खाता भी खोल सकेंगे।

कई बार ऐसे मामलों में आपको सरकारी नौकरी और सरकारी योजनाओं से भी दूर कर दिया जाता है। इसके अलावा आपको बैंक की तरफ से किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है। साथ ही इससे आपके परिवार के दूसरे सदस्‍यों पर भी कोई बैंक किसी तरह का दबाव नहीं बनाता है। जेल और कानूनी कार्यवाही का तो इसमें सवाल ही नहीं उठता है।

 

सु‍रक्षित पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा

 

जैसा कि आपको ऊपर बताया कि बैंक आपको सुरक्षित लोन के बदले कोई ना कोई चीज गांरटी के तौर पर रखवा लेता है। साथ ही ‘भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872’ के तहत आपसे एक करार करवा लेता हैं कि यदि आप आगे चलकर लोन नहीं चुका पाते हैं, तो जिस चीज को आपने गिरवी रखा है उसे बैंक को जब्‍त करने का पूरा अधिकार होगा।

  • इसके बाद यदि आप लोन चुकाने की तय सीमा के बाद भी बैंक को किसी तरह का जवाब नहीं देते हैं तो बैंक की तरफ से आपको फोन करके आपके लोन की जानकारी दी जाएगी। फोन ना मिलने पर आपके घर एक नोटिस भेजकर बैंक आपको जानकारी देता है।
  • इसके बाद भी आप यदि कोई जवाब नहीं देते हैं तो बैंक अदालत की तरफ रूख कर लेता है। जिसमें लगने वाला सारा खर्च आपको ही वहन करना होगा। इसे आपकी उस चीज से वसूला जाता है जो कि आपने बैंक में लोन लेने के दौरान गिरवी रखा था।
  • इसके बाद अदालत में लगातार तारीख पड़ेगी। जिसमें यदि आप अदालत को अपने जवाब से संतुष्‍ट नहीं कर पाते हैं। तो अदालत आपके खिलाफ आगे चलकर फैसला सुना देगी।
  • फैसले के बाद आपकी बैंक में रखी गई गिरवी चीज को बैंक नीलाम कर देता है। यदि उसकी नीलामी से बैंक की क्षतिपूर्ति पूरी नहीं होती है, तो अदालत आपकी दूसरी संपत्ति को भी नीलाम करने का आदेश दे सकती है और आप इसके खिलाफ कुछ कर भी नहीं सकते हैं। क्‍योंकि आप केस हार चुके होते हैं।
  • यदि अदालत में यह साबित हो जाता है कि आप लोन जान बूझ कर नहीं चुकाना चाहते थे, तो अदालत आप पर जुर्माना और जेल तक की सजा सुना सकती है। हमारे देश में ऐसा कई मामलों में पहले भी हो चुका है।
  • कुल मिलाकर यदि आप सुरक्षित लोन का भुगतान नहीं करते हैं तो इसमें पूरी तरह से आपका ही नुकसान होगा। बैंक लोन की भरपाई भी आपसे ही करेगा और आपकी सामाजिक प्रतिष्‍ठा भी पूरी तरह से खराब कर देगा। इसलिए इस तरह का लोन लेकर कभी भी बैंक को हल्‍के में ना लें।

इन मामलों में किस तरह से बैंक करता है लोन की वसूली

 

इसके अलावा भी कुछ ऐसे मामले होते हैं। जहां बैंक लोन की पूर्ति करने में अलग तरह का रास्‍ता अपनाता है। जिसमें अक्‍सर कुछ ऐसी घटना हो जाती है जिसकी हम सामान्‍य तौर पर कल्‍पना नहीं करते हैं।

 

लोन लेने वाले की मृत्‍यु होने पर

 

जीवन कब समाप्‍त हो जाए इस पर कभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। परन्‍तु हमारी यही दुआ है कि आपकी लंबी आयु हो। लेकिन बैंक इस चीज की पूरी व्‍यवस्‍था लोन देने के दौरान ही कर लेता है। इसके लिए बैंक आपको दिए लोन का बीमा कंपनी से बीमा करवा लेता है। ऐसे में यदि लोन लेने वाले व्‍यक्ति की मृत्‍यु हो जाती, है तो बैंक उस लोन की वसूली बीमा कंपनी से करता है। इस तरह से बैंक का बिल्‍कुल भी नुकसान नहीं होता है। लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है। ऐसा केवल उन मामलों में होता है जहां बैंक के हाथ खाली होते हैं।

कुछ बैंक ऐसी स्‍थिति से निपटने के लिए लोन लेते समय आपसे एक गांरटर भी मांगते हैं। जो कि आपके ना रहने पर आपके लोन का पूरी तरह से जिम्‍मेदार होगा। ऐसे में जब आपकी मृत्‍यु हो जाती है तो गारंटर को वो सब करना होता है जो कि आपके ऊपर होना था। साथ ही आपकी जिन चीजों को गिरवी रखा है उनसे भी लोन की पूर्ति की जाती है।

 

गंभीर दुर्घटना के समय में

 

ऐसा नहीं है कि हर कोई लोन जानबूझ कर ही नहीं चुकाता है। यदि लोन चुकाने के बीच में ही लोन लेने वाले की आर्थिक स्‍थिति बिल्‍कुल खराब हो जाए। जिसमें उसके साथ किसी तरह की दुर्घटना हो जाए या कोई अन्‍य कारण हो जाए तो दु:ख की इस घड़ी में बैंक भी आपके साथ पूरी तरह से खड़ा होगा। बस आपको हालात के बारे में बैंक को अच्‍छे से जानकारी देनी होगी।

इसके बाद बैंक की तरफ से आपको लोन चुकाने के लिए पूरा समय भी दिया जाता है और किसी तरह की कानूनी कार्यवाही भी आपके खिलाफ अमल में नहीं लायी जाती है। लेकिन ये छूट आपको कुछ समय के लिए ही दी जाती है। इसके बाद आप लोन नहीं चुकाते हैं तो बैंक आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर देगा।

 

बैंक की तरफ से लोन माफ कर देना

 

कई बार किसान, गरीब, मजदूर के लिए बैंक से लिया लोन आफत का कारण बन जाता है। लोन की मूल राशि से कई गुना ज्‍यादा उसका ब्‍याज ही बन जाता है। ऐसे में बैंक विचार करता है और लोन धारकों को कभी ब्‍याज ना देने की छूट दे देता है, तो कभी लाखों रूपए में ये छूट दे देता है। ताकि लोगों को राहत भी मिल जाए और बैंक का पैसा भी वापिस आ जाए। अक्‍सर ये राहत चुनावों के दौरान दी जाती है। इससे आम आदमी के साथ राजनैतिक दलों को भी फायदा हो जाता है। लेकिन ये राहत मिलने की कोई गारंटी नहीं होती है।

Shake Effect

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