Tareef Shayari in Hindi |
Best 45+ Tareef Shayari in Hindi
उसके चेहरे की चमक के सामने सब सादा लगा, आसमान पे चाँद पूरा था, मगर आधा लगा..!! 👸👧
ग़ुस्से में जो निखरा है, उस हुस्न की क्या बात, कुछ देर अभी मुझसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना..!! 👸👧
कुछ फिजायें रंगीन हैं, कुछ आप हसीन हैं, तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन हैं..!! 👸👧
तुम्हे देख के ऐसा लगा चाँद को जमीन पर देख लिया, तेरे हुस्न तेरे शबाब में सनम हमने कयामत को देख लिया..!! 👸👧
हुस्न वाले तेरा जवाब नहीं, कोई तुझ-सा नहीं हज़ारों में..!! 👸👧
तेरी मोहब्बत में डूब कर बूँद से दरिया हो जाऊँ, मैं तुझसे शुरू होकर तुझमें ख़त्म हो जाऊँ..!! 👸👧
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा, लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं..!! 👸👧
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है, तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है, खूबसूरती की इंतेहा है तू, तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है..!! 👸👧
बस इस शौक़ में पूछी हैं लाखो बातें, मैं तेरा हुस्न तेरे हुस्न-ए-बयाँ तक देखूँ..!! 👸👧
जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी, तो श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये..!! 👸👧
आसमां में खलबली है सब यही पूछ रहे हैं, कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए..!! 👸👧
कैद खाने हैं बिना सलाखों के, कुछ यूं चर्चे हैं तेरी आँखों के..!! 👸👧
जरा उतर के देख मेरे दिल की गहराइयों में, कि तुझे भी मेरे जज़्बात का पता चले, दिल करता है चाँद को खड़ा कर दूं तेरे आगे, जरा उसे भी तो अपनी औकात का पता चले..!! 👸👧
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबर, कभी हमारी आँखो से आकर पूछो कितने लाजवाब हो तुम..!! 👸👧
हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा, जो दिल जलाये बोहोत फिर भी दिल-रुबा ही लगे..!! 👸👧
परियों में खलबली है, सब एक दूसरे से यही पूछ रहे की,कौन है ज़मीं पे, जो परियों से भी प्यारा है..!! 👸👧
क्या लिखूं तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार, अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं तेरी मासूमियत देखकर..!! 👸👧
बिल्कुल चांद की तरह है, नूर भी, गुरुर भी, दूर भी..!! 👸👧
ना चाहते हुए भी आ जाता हैं लबों पे तेरा नाम, कभी तेरी तारीफ में तो कभी तेरी शिकायत में..!! 👸👧
सोचता हु हर कागज पे तेरी तारीफ करु, फिर खयाल आया, कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए..!! 👸👧
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू, पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये..!! 👸👧
आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए, सिर्फ उसकी एक नजर से ही घायल हो गए..!! 👸👧
तेरे हुस्न की तारीफ आज हवाए भी कर रही है, ऐ सनम लगता है तूने आज हवाऔ को महकने की मोहलत दे दी..!! 👸👧
नहीं कहता मैं उसकी तारीफों के किस्से, अब उन्हें आँकूं तो आँकूं किससे..!! 👸👧
डर लगता है अब आपकी तारीफ करने में, कहीं पूंछ ना बैठो मै तेरा कौन लगता हूं..!! 👸👧
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है, जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है, जुल्फें तेरी बादल जैसी आँख में तेरे समंदर है, चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है..!! 👸👧
सभी तारीफ करते हैं, मेरी शायरी की लेकिन, कभी कोई सुनता नहीं, मेरे अल्फाज़ो की सिसकियाँ..!! 👸👧
तेरे हुस्न से हैरान है ज़माना सारा, एक तेरी कातिल नज़र, उस पर काजल का कहर..!! 👸👧
जिस भी कलाकार का शाहकार हो तुम, उस ने सदियों तुम्हे सोचा होगा..!! 👸👧
अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत, नज़र से गिर गए सब ख़ूबसूरत..!! 👸👧
तेरे हुस्न पर लिखूं में क्या तारीफ मेरी जान, वो लफ्ज़ ही नहीं, जो तेरा हुस्न को बयां कर सकें..!! 👸👧
देखकर सूरत तेरी, हजारों ने दिल हरा है, कौन कहता है की, तस्वीरें जुआ नहीं खेलती..!! 👸👧
उसने तारीफ़ ही कुछ इस अंदाज से की मेरी, अपनी ही तस्वीर को सौ दफ़े देखा मैंने..!! 👸👧
यूँ न निकला करो आज कल रात को, चाँद छुप जायेगा देख कर आप को..!! 👸👧
रुख से पर्दा हटा तो, हुस्न बेनकाब हो गया, उनसे मिली नज़र तो, दिल बेकरार हो गया..!! 👸👧
वो मुझसे रोज़ कहती थी मुझे तुम चाँद ला कर दो, उसे एक आईना दे कर अकेला छोड़ आया हूँ..!! 👸👧
तेरे हुस्न को परदे कि जरुरत क्या है, कौन रहता है होश में तुझे देखने के बाद..!! 👸👧
यह आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें, तुम्हारी शख्सियत की खबर, कभी हमारी आंखों से आकर,पूछो कितने लाजवाब हो तुम..!! 👸👧
उनकी तारीफ़ क्या पूछते हो उम्र सारी गुनाहों में गुजरी, अब शरीफ बन रहे है वो ऐसे जैसे गंगा नहाये हुए है..!! 👸👧
मिल जाएँगे हमारी भी तारीफ़ करने वाले, कोई हमारी मौत की “अफ़वाह” तो फैलाओ यारों..!! 👸👧
तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है, तेरे आगे चांद पुराना लगता है..!! 👸👧
क्या लिखूँ तेरी सूरत-ए-तारीफ मेँ, मेरे हमदम, अल्फाज खत्म हो गये हैँ, तेरी अदाएँ देख-देख के..!! 👸👧
मुझको मालूम नहीं हुस़्न की तारीफ, मेरी नज़रों में हसीन वो है, जो तुम जैसा हो..!! 👸👧
वो कहती हैँ हम उनकी झूठी तारीफ करते हैँ, ए खुदा बस एक दिन आईने को जुबान दे दे..!! 👸👧
तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है, ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, कौन सा फ़ूल है..!! 👸👧
हुस्न देख कर आपका, हम आपके कायल हो गये, पड़ते ही आपकी पहली नजर, हम घायल हो गये..!! 👸👧
रोज़ मांगती थी मुझसे वो चाँद का टुकड़ा, आज आइना दे कर उसे, पूरा चाँद दिखा दिया..!! 👸👧
लोग भले ही मेरी शायरी की तारीफ न करे, खुशी दुगनी होती है जब उसे कॉपी पेस्ट में देखता हूं..!! 👸👧
तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जाएगी, चाँद की भी कदर कम हो जाएगी..!! 👸👧
मेरे हमदम तुम्हें बड़ी फुर्सत में बनाया है, जुल्फें ये तुम्हारी बादल की याद दिला दें, नज़र भर देख लो जो किसी को, नेक दिल इंसान की भी नियत बिगड़ जाए..!! 👸👧
हम पर यूँ बार बार इश्क का इल्जाम न लगाया कर, कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो..!! 👸👧
अंतिम शब्द
