लाइफ इंश्याेरेंस पॉलिसी खरीदने के ये हैं 6 गलत कारण
लाइफ इंश्याेरेंस पॉलिसी खरीदने के ये हैं 6 गलत कारण
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी परिवार को आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराती है. किसी हादसे में पॉलिसीधारक को कुछ हो जाने की स्थिति में यह परिवार को सहारा देती है. लेकिन, अक्सर इसे गलत कारणों से खरीदा जाता है. आइए, यहां ऐसे ही कुछ कारणों के बारे में जानते हैं.
1. आप टैक्स बचाना चाहते हैं – लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी सिर्फ टैक्स बचाने के लिए नहीं खरीदें. सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बचत के कई और भी विकल्प हैं. पीपीएफ सुनिश्चित रिटर्न के साथ टैक्स बेनिफिट भी देता है. ईएलएसएस से आपको टैक्स फ्री इनकम होती है. अगर आप केवल टैक्स सेविंग्स देख रहे हैं तो ये इंस्ट्रूमेंट इंश्योरेंस पॉलिसी के मुकाबले बेहतर विकल्प हैं. इनमें आप एक की तरह की रकम निवेश करने के लिए भी बाध्य नहीं हैं.
2. इंश्योरेंस के साथ निवेश की इच्छा है – इंश्योरेंस और निवेश दोनों अलग-अलग चीजें हैं. इन्हें साथ लाना सही नहीं होगा. इंश्योरेंस का बुनियादी काम होता है आपको और आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराना. वहीं, निवेश अपनी पूंजी बढ़ाने के लिए किया जाता है. एजेंट आपको एनडावमेंट या मनी बैक इंश्योरेंस पॉलिसी का बखान करते हुए थकते नहीं है. वे इंश्योरेंस और इंवेस्टमेंट के इनके दोहरे बेनिफिट की खूब बातें करते हैं. एनडावमेंट प्लान में मुश्किल से आपको 4.5-5.5 फीसदी रिटर्न मिलता है. यहां तक 25-30 साल का बहुत लॉन्ग टर्म प्लान करीब 6.5 फीसदी रिटर्न देता है. ये प्लान अपर्याप्त कवर भी ऑफर करते हैं.
3. पापा कहते हैं – कई माता-पिता बच्चों को इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करने के लिए कहते हैं. इनका रिटर्न बेहद मामूली होता है. ये महंगाई को भी मात नहीं दे पातीं. माता-पिता के लिए हो सकता है कि ये प्लान अच्छे साबित हुए हों. तब निवेश के बहुत विकल्प नहीं थे. शेयर बाजार सुरक्षित नहीं थे. वहीं, म्यूचुअल फंडों में पारदर्शिता नहीं थी. अब यह स्थिति बदल चुकी है. निवेशकों के लिए अब बहुत अधिक विकल्प मौजूद हैं.
4. एजेंट रिश्तेदार है – लाइफ इंश्योरेंस एजेंटों को जो सबसे पहली चीज सिखाई जाती है, वह यह है कि अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और जानकारों को पॉलिसी बेचें. जब ये आपके पास आते हैं तो इन्हें मना करना मुश्किल हो जाता है. लोग न चाहते हुए भी इनसे पॉलिसी खरीद लेते हैं. इससे लोग एक ऐसे विकल्प से जुड़ जाते हैं जिनसे उन्हें मामूली रिटर्न मिलता है. पॉलिसी में 15-20 साल के लिए पैसा आपका लगना है. इसलिए आपकी ही जिम्मेदारी है आप ऐसे चक्कर में नहीं पड़ें.
5. आपको गारंटीड रिटर्न चाहिए – कई इंश्योरेंस खरीदार गारंटीशुदा रिटर्न चाहते हैं. लेकिन, यह गारंटीशुदा रिटर्न बहुत अधिक कीमत पर मिलता है. इसके चलते इंश्योरेंस कंपनियों को सुरक्षित डेट ऑप्शन में निवेश करना पड़ता है. ऐसे कई इंस्ट्रूमेंट हैं जो गारंटीशुदा रिटर्न देते हैं. इनका रिटर्न भी ट्रेडिशनल पॉलिसी से ज्यादा है. मसलन, पीपीएफ पर 7.8 फीसदी सुनिश्चित रिटर्न मिलता है. यह टैक्स फ्री भी है.
6. मेडिकल चेक-अप की जरूरत नहीं है – अगर इंश्योरेंस कवर 5 लाख रुपये से कम है तो खरीदार से मेडिकल टेस्ट कराने के लिए नहीं कहा जाता है. इसमें उनसे सिर्फ अपनी सेहत की स्थिति का डेकलेरेशन देने की जरूरत होती है. सिर्फ इसलिए इंश्योरेंस नहीं खरीदें क्योंकि बीमा कंपनी इस मोर्चे पर नरम है.