दोस्तों आप जब भी अपने आप को कभी दुखी महसूस करते हो तो आप भी जरुर सैड शायरी ढूँढ़ते होंगे । अपने मन में हमेशा दुख रखना किसी इंसान के लिए आपको मन ही मन में काफी खराब स्थिति पैदा कर देता है। ये वो समय होता है जब आप अपने आसपास की चीजों की अच्छाई भी देखना बंद कर देते हैं। जैसे दोस्तों से मिलना घर वालो से बात न करना खुद को अकेला महसूस करना । ऐसे में आप यदि अपनी दिल भावना को Sad Shayari के जरिये किसी से कहना चाहते हो तो आज के पोस्ट में हमने दो लाइन सैड शायरी पोस्ट की हैं एक बार पढना जरुर ।

 

दो लाइन सैड शायरी

 

जुबां को रोको तो आँखों में झलक आता है,
ये जज्बा-ए-इश्क है जनाब इसे सब्र कहाँ आता है !

 

अगर मोहब्बत नही थी तो बता दिया होता,
इस दिल को टूटने से बचा लिया होता !

 

मुझे छोड़कर वो खुश है तो शिकायत कैसी,
अब मैं उन्हें खुश भी ना देखूं तो मोहब्बत कैसी !

 

जिन्दगी की हकीकत बस इतनी सी है,
की इंसान पल भर में याद बन जाता है !

 

अपनी तन्हाई में तनहा ही अच्छा हूँ
मुझे जरूरत नहीं दो पल के सहारो की !

 

लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है,
शायद उन्होंने मेरा हदों से गुजरना नहीं देखा !

 

शिकायत तों मुझे खुद से है,
तुझसे तो आज भी इश्क है !

 

हादसे जान तो लेते हैं मगर सच ये है,
हादसे ही हमें जीना भी सीखा देते हैं !

 

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गजब की थी !

 

मेरी कोशिश हमेशा से ही नाकाम रही,
पहले तुझे पाने की अब तुझे भुलाने की !

 

दर्द जो बेहिसाब दिया है आपने,
काश प्यार भी ऐसा ही किया होता !

 

वो आज फिर से मिले अजनबी बनकर,
और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई !

 

ये हवाए उड़ा ले गयी मेरी सारी खुशिया,
ऐसा लगता है मुझपे हँस रही है सारी दुनियां !

 

आज मैंने तलाश किया उसे अपने आप में,
वो मुझे हर जगह मिला मेरी तकदीर के सिवा !

 

दुश्मनो की अब किसे जरूरत है,
अपने ही काफी है दर्द देने के लिए !

 

​नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे,
तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते !

 

जरा सा भी नही पिघलता दिल तेरा,
इतना कीमती पत्थर कहाँ से खरीदा है !

 

बेशक नजरों से दूर हो,
पर तुम मेरे सबसे करीब हो !

 

फिक्र तो तेरी आज भी करते है,
बस जिक्र करने का हक नही रहा !

 

तेरे एक खत के इंतजार में हमने,
आजतक अपना पता नही बदला !

 

काश तेरी यादों का खजाना बेच पाते हम,
हमारी भी गिनती आज अमीरों में होती !

 

कभी फुरसत मिले तो देख लेना एक बार,
किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है !

 

सुना है मोहब्बत उसको दुआयें देती है,
जो दिल पर चोट तो खाये मगर गिला न करे !

 

छोड़ दो किस्मत की लकीरों पर यकीन करना,
जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज है !

 

ऐसा नही की आपकी याद आती नही,
खता सिर्फ इतनी है के हम बताते नही !

 

अकेलेपन का अपना भी एक मजा है,
मैंने खुद को पा लिया तेरी राह देखते देखते !

 

ना साथ है किसी का ना सहारा है कोई,
ना हम किसी के हैं ना हमारा है कोई !

 

कदर न करना तो लाजमी था तुम्हारा,
हम तुम्हे मुफ्त में जो मिले थे !

 

जिसे मेरे नाम से मोहब्बत हुआ करती थी,
उसे मेरा नाम अब जहर सा लगता है !

 

वफा की उम्मीद लडको से ही क्यों होती है,
क्या कोई लड़की बेवफा नहीं होती है !

 

हँसती हूँ पर दिल में गम भरा है
याद में तेरे दिल आज भी रो पड़ा है..

 

अगर मेरे चले जाने से तू खुश है
तो तुझे तेरी खुशी मुबारक…

 

दुश्मनो की अब किसे जरूरत है
अपने ही काफी है दर्द देने के लिए..

 

ऐ ज़िन्दगी ख़त्म कर सांसों
का आना जाना मै थक चूका हूँ खुद को
ज़िंदा समझते समझते..

 

सच और ईमानदारी के रास्ते पे चलने का..
एक फ़ायदा ये भी है कि,
इस रास्ते में कहीं भीड़ नहीं है..

 

मोहब्बत में हम उन्हें भी हारे है
जो कहते थे हम सिर्फ तुम्हारे है..

 

खामोशियां कभी बेवजह नहीं होती
कुछ दर्द ऐसे भी होते है जो आवाज़ छीन लेती है..

 

कुछ लोगों की सोच को देखकर पूछने का मन होता है,
की भाड़ में आप खुद चले जाओगे या छोड़ के आऊँ..

 

जिसे मै की हवा लगी
उसे फिर न दवां लगी न दुआं लगी..

 

नाराजगी का क्या है
यह तो लोग कई बार बेवजह भी
हो जाया करते है..

 

जिन जख्मो से खून नहीं निकलता है
समझा लेना वह जख्म किसी अपने ने दिए है..

 

बहुत महसूस होता हे
तेरा महसूस ना महसूस करना..

 

अक्सर लोग अपना कहकर कितनी
आसानी से पराया कर देते है..

 

ऐ जीन्दगी जा ढुंड॒ कोई खो गया है मुझ से.
अगर वो ना मिला तो सुन तेरी भी जरुरत नही मुझे..

 

रहने की कुछ बेहतरीन जगहों में से,
एक जगह अपनी औकात भी है..

 

ए दिल तू क्यो खुश होता है पागल,
अभी तो सिर्फ महिना बदला है वक़्त नहीं..

 

ज़िन्दगी ने मर्ज़ का क्या खूब इलाज
सुझाया, वक्त को दवा बताया
ख्वाहिशों से परहेज़ बताया..

 

उसी मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी,
जहाँ सारा शहर अपना था और तुम अजनबी..

 

इतना ही गुरुर था तो मुकाबला इश्क का
करती ऐ बेवफा.. हुस्न पर क्या ईतराना जिसकी
ओकात ही बिस्तर तक हौ..

 

जिसकी वजह से मेंने छोड़ी अपनी साँस..
आज वो ही आके पूछती हे किसकी हे ये लाश..

Song

1 thought on “दो लाइन सैड शायरी ( Code 0234 )”

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